ये सन्देश भाईचारे का, दूर रहो नफरत से,
माँ भारती की संतान हो तुम, प्यार करो वतन से,
हो चाहे भाषा अलग, चाहे अलग हो अपना पहनावा,
खून सबका एक ही रंग का है, एक ही मालिक हमारा,
फिर किस बात की लड़ाई है, जब जाना है एक ही ठिकाने,
प्यार से बढ़कर कुछ नहीं इस जहाँ में कोई माने या न माने॥
माँ भारती की संतान हो तुम, प्यार करो वतन से,
हो चाहे भाषा अलग, चाहे अलग हो अपना पहनावा,
खून सबका एक ही रंग का है, एक ही मालिक हमारा,
फिर किस बात की लड़ाई है, जब जाना है एक ही ठिकाने,
प्यार से बढ़कर कुछ नहीं इस जहाँ में कोई माने या न माने॥
jai hind
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