Wednesday, 16 January 2013

हम खुश हैं, सुरक्षित हैं और सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।

ये सन्देश भाईचारे का, दूर रहो नफरत से,
माँ भारती की संतान हो तुम, प्यार करो वतन से,
हो चाहे भाषा अलग, चाहे अलग हो अपना पहनावा,
खून सबका एक ही रंग का है, एक ही मालिक हमारा,
फिर किस बात की लड़ाई है, जब जाना है एक ही ठिकाने,
प्यार से बढ़कर कुछ नहीं इस जहाँ में कोई माने या न माने॥

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