Thursday 3 March 2016

बैचलर लड़के 🙇

MBA करने के बाद जैसा कि सभी हाईटेक जॉब और रूम के तलाश में निकल पड़े ललित जो  ‘ Gurgaon ’ में रहने वाला है.
तो हमने पूछा,
‘क्या बैचलर लड़के को रूम मिल सकता है?’

पता नहीं! पर ना जाने क्यों मकानमालिकों को लगता है. बैचलर है. जाने किस रात सामान समेत निकल ले. जाते-जाते पंखा भी खोल ले जाएगा. बल्ब भी छोड़े न छोड़े.
यही दिक्कत उन्हें शादीशुदा या फैमिली वालों के साथ कभी नहीं होती.
उन्हें तो डबल बेड निकालने में ढ़ाई दिन लगेंगे,

बैचलर लड़का या लड़की किसी के घर मकान लेने जाए तो सबसे पहले तो ऐसे सहम जाते हैं मानो कनपटी पर एके-47 धरकर अलकायदा ने ट्रेनिंग कैंप लगाने कि घोषणा कर दी हो. बाद में इत्ती लंबी-चौड़ी पूछताछ होगी कि महसूस होता है ये अमेरिका के किसी एयरपोर्ट के सुरक्षाकर्मी हैं

किस कंपनी में जॉब है, डॉक्युमेंट प्रूफ, क्या जाति है और तो और गर्लफ्रेंड के बारे में पूँछ लेते है (जैसे वो आपनी मंझली बिटिया का रिश्ता लेकर आए हो) और हमारे श्रीवास्तव जी के सामने पूछा तो उसे लगा कोई तो है जो ऐशा जो हमारे लिये सोच रहा है, श्रीवास्तव जी सीना 42 से 48 बना लेते है तुरंत और खुशी का ठिकाना नहीं,

ले-देकर किसी जिगर वाले ने घर दे भी दिया तो उसकी पहली शर्त यही होती है कि लड़के-लड़कियां नहीं आएंगे.
लड़कियां काहे नहीं आएंगी बे? लड़कियां आने से तुम्हारी दीवारें प्रेग्नेंट हो जाएंगी क्या? हमारी लड़की में भी दोस्त है,

इनकी टोका-टाकी और तांका-झांकी इतनी होती है कि आपको कभी रिश्तेदारों की कमी महसूस नहीं होती. आप रात दस के पहले घर आ जाओ, मां-बाप भी मिलने आएं तो दस दिन पहले बताओ.

प्रजापति नोइडा में रहता था. शर्मा जी के यहां. एक तारीख को महीना लगता. जॉब लगने कि खुशी में  एक बार 25 तारीख को ही किराया दे दिया. अगली बार वो 20 तारीख को कुंडी खटखटा बैठे. भिया पेसे! ऐसे भी मकान मालिक मिलते हैं. आप कलेजा निकालकर इनको परोस दो तो भी नहीं सुधरेंगे,

वैलेंटाइन वाला हफ्ता गुजरा. महनता जो हमारे प्रिय मित्र है वो मकानमलिक के बेटी को लाईने दे रहे है, इतनी बंदिश रखेंगे तो यही होगा,
कोई तो है जो मकानमालिक को चुना लगा रहा है, क्या बतलाये शुभहे के चाय के दूघ का इंतजाम भी कर लेता है,

मकानमलिक से ससुर जी बन जायेंगे अब..

इस स्टोरी को चटपटा बनाने के लिये कल्पनिक नाम और लोकेशन दिया गया है, अगर कोई लाईने बुरी लगी तो आप हमें बताये,

आपका मित्र
अभिषेक 

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